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शत्रु नाश की तीव्र और शक्तिशाली साधना



शत्रु नाश की तीव्र और शक्तिशाली साधना (पूरे विधि-विधान सहित)

यह साधना अत्यंत प्रभावी और सिद्ध शाबर मंत्र पर आधारित है। साधना में माता काली, भैरव बाबा, या दुर्गा के रूप को पूजा जाता है। इस प्रक्रिया में नियमों का पालन करना और पूरी विधि का सही तरीके से पालन करना आवश्यक है।


साधना के लिए आवश्यक सामग्री:


1. काले रंग का आसन

2. सरसों का तेल और मिट्टी का दीपक

3. राई (सरसों), काली मिर्च, और फिटकरी

4. नींबू – 7

5. माँ काली का चित्र/यंत्र

6. सिंदूर और चमेली का तेल

7. काले धागे और काले वस्त्र

8. लाल कपड़ा (मंत्र सिद्धि के लिए)

9. भोग: जलेबी या इमरती (माँ काली के लिए)

10. कोई धारदार हथियार (प्रतिनिधित्व के लिए)



साधना की तैयारी:


1. स्थान का चयन:

साधना के लिए एकांत और शांत स्थान का चयन करें, जैसे श्मशान, नदी का किनारा, या अपने घर का पूजा कक्ष।

अमावस्या, पूर्णिमा, या शनिवार को साधना शुरू करना अत्यंत शुभ होता है।


2. आसन और दिशा:

काले कपड़े का आसन पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बिछाएँ।


दिशा का चयन शत्रु नाश के उद्देश्य के अनुसार करें:

पूर्व दिशा: सफलता और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए।

दक्षिण दिशा: शत्रु नाश और तांत्रिक ऊर्जा के लिए।



3. मुद्रा:

वज्रासन या सिद्धासन में बैठें।

अपनी रीढ़ को सीधा रखें।


साधना की विधि (Step-by-Step):

1. स्थान और साधना की शुद्धि:

साधना स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और इसे बाएँ ओर रखें।



2. देवता का आवाहन:

माँ काली या भैरव बाबा का ध्यान करें।

"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महाकालिकायै नमः।" मंत्र से देवी का आवाहन करें।


3. शाबर मंत्र का जाप:

निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें: मंत्र:

“ॐ काली काली महाकाली शत्रु हरणी नमः।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं काली फट् स्वाहा।

शत्रु बुद्धि हर, शत्रु बल नाश।

जिनके मुख मेरा नाम, उनका मुख हो घास।

ॐ काली काली महाकाली फट्।”


मंत्र जाप करते समय ध्यान रखें कि आपकी दृष्टि दीपक पर केंद्रित हो।




4. नींबू और काली मिर्च का प्रयोग:

7 नींबू को बीच में से काटें।

हर नींबू के अंदर 3-3 काली मिर्च डालें।

जाप के बाद, इन नींबुओं को किसी चौराहे पर या जल में प्रवाहित करें।


5. भोग और अर्पण:

माँ काली को जलेबी या इमरती अर्पित करें।

दीपक और भोग को वहीं रहने दें।


विशेष नियम:

1. ब्रह्मचर्य का पालन:

साधना के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें।


2. शुद्ध आहार:

सात्विक और हल्का भोजन करें।


3. साधना का समय:

मध्यरात्रि (रात्रि 12 बजे) या ब्रह्म मुहूर्त में साधना करें।


4. श्रद्धा और एकाग्रता:

साधना करते समय मन को पूर्णतः एकाग्र रखें।


साधना की अवधि:

इस साधना को 7 दिनों तक प्रतिदिन करें।

हर दिन एक ही समय और स्थान पर साधना करें।


सावधानियाँ:

1. साधना के बीच में उठकर न जाएँ।

2. इस साधना का दुरुपयोग न करें।

3. साधना समाप्त होने तक किसी से इसका जिक्र न करें।

4. यदि आप किसी समस्या में फँसें तो अनुभवी गुरु से परामर्श लें।


साधना के लाभ:

1. शत्रुओं का प्रभाव समाप्त होता है।

2. नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से मुक्ति मिलती है।

3. जीवन में शांति और सुरक्षा प्राप्त होती है।

4. आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है।



महत्वपूर्ण:

साधना के दौरान आपके मन में पूर्ण विश्वास और निष्ठा होनी चाहिए। यदि आप साधना को सही तरीके से करते हैं, तो आपको निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी।


संपर्क करें:

यदि साधना में कोई कठिनाई हो रही हो या विस्तृत मार्गदर्शन चाहिए तो महाकाली तंत्र केंद्र से संपर्क करें:

📞 +91 9569024784

📱 WhatsApp: +919569024784 /+91 8062180987

🌐 www.mahakalitantras.org


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